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Thursday, April 30, 2015

जलने, मोच व चोट


जलने, मोच व चोट लगने का उपचार


हमारे पूरे जीवन में अनेकों बार दुर्घटना वश, हम मोच आने, जलने व चोट लगने जैसी घटनाओं के शिकार होते हैं। ऐसी घटनाओं से हम भयंकर पीड़ा का सामना करते हैं। जलन, दर्द और संक्रमण से हमें बहुत परेशानी उठानी पड़ती है। यदि तुरंत उपचार शुरू न किया जाए तो गंभीर परिणाम भी भुगतने पड़ते हैं। इसलिए आपकी मुश्किलों को आसान करने के लिए मैं आपको कुछ उपचार बता रही हूं। पर आप इन्‍हें अजमाने से पहले किसी रजिस्‍टर्ड वैध अथवा चिकित्‍सक से सलाह जरूर ले लें।


मोच व चोट लगने पर क्‍या करें...?


१ * चोट के घाव पर तुलसी के पत्‍तों को पीसकर लगाने से भी घाव भर जाते हैं।

२ * गूलर के पत्‍तों को पीसकर घाव पर लगाने से भी घाव आसानी से भर जाता है।

३ * मोच आने पर सरसों का तेल लगा कर, हल्‍दी का पाउडर छिड़कें और तौलिए से ढंक दें। फिर एक कपड़े में नमक की पोटली बांधे और इसे तवे पर गर्म करके तौलिए से गर्माहट सहन करने लायक सिंकाई करें।

४ * त्‍वचा या घाव से खून बह रहा हो, तो उस स्‍थान पर फिटकरी पीस कर बुरक दें। इससे खून का बहना रूक जाएगा।

५ * यदि सब्‍जी काटते वक्‍त चाकू से उंगली या हाथ कट गया हो और खून बह रहा हो, तो आप मिटटी के तेल में कपड़ा भिगोकर उंगली पर बांध दें। खून का बहना रूक जाएगा और दो तीन दिन में घाव भी भर जाएगा।


आग से जलने पर क्‍या करें...?


१ * बेर की कोमल कोमल पत्तियों को दही के साथ पीस कर लगाने से जलने के निशान दूर हो जाते हैं।

२ * केले का गूदा जले हुए स्‍थान पर लगाने से जलन दूर हो जाती है।

३ * बरगद के कोमल पत्‍तों को गाय के घी में पीसकर लगाने से बहुत आराम मिलता है।

४ * इमली की लकड़ी को जलाकर उसकी राख नारियल के तेल में मिलाकर लगाने से जख्‍म ठीक हो जाते हैं।

५ * मेंहदी के पत्‍तों को पानी या सरसों के तेल के साथ पीसकर जले हुए स्‍थान पर लगाने से बहुत लाभ होता है।

६ * दही में पिसा हुआ चूना मिलाकर लगाने से जलन शांत हो जाती है।

७ * तारपीन का तेल और कपूर बराबर मात्रा में मिलाकर लगाने से फौरन आराम मिलता है।

८ * नमक का गाढ़ा घोल जले हुए स्‍थान पर लगाने से छाले नहीं पड़ते हैं।

९ * जले हुए स्‍थान पर शहद का लेप करने से भी लाभ होता है।

१० * अनार की पत्तियों को पीसकर जले हुए स्‍थान पर लगाने से जलन शांत हो जाती है।

११ * चौलाई के पत्‍तों के साथ घांस पीस कर जले हुए स्‍थान पर लगाएं, बहुत लाभ होगा।

१२ * आलू पीसकर उसकी लुगदी बना लें और फिर प्रभावित स्‍थान पर लगाएं। लाभ होगा।

१३ * करेले के रस को रूई की सहायता से जले हुए स्‍थान पर लगाएं। आराम मिलेगा।

१४ * नारियल के पानी को अलसी के तेल के साथ पकाकर लगाने से भी आराम मिलता है।

१५ * शहद के साथ लौंग पीस कर लगाने से ज़ख्‍म ठीक हो जाता है।

१६ * पीपल की छाल का बारीक पाउडर बनाकर रख लें। फिर जलने पर इसे लगाने से घाव में आराम मिलता है।


(समाप्‍त)

Wednesday, April 22, 2015

बच्‍चों की बीमारियां, सामान्‍य उपचार।


बच्‍चों की बीमारियां


बच्‍चे बीमार होते हैं, तो हम सबकी परेशानियां बढ़ जाती हैं। बच्‍चों की तकलीफ कोई भी माता पिता नहीं देख सकते। इसलिए जितना संभव हो, हमें अपने बच्‍चों की उचित देखभाल करनी चाहिए। ताकि वह कम से कम बीमार हों। इस पोस्‍ट में मैं बच्‍चों की कुछ ऐसी ही बीमारियों के बारे में जानकारी देने जा रही हूं। इन समस्‍याओं का निदान भी प्रस्‍तुत कर रही हूं। आशा है कि यह जानकारी आप सबके बहुत काम आएगी। पर नीचे दिए गए उपायों के बारे में आप किसी रजिस्‍टर्ड वैध अथवा डॉक्‍टर से सलाह जरूर कर लें।


बच्‍चों में गैस की समस्‍या


१ * यदि बच्‍चे को गैस की समस्‍या हो तो आप जीरा या अजवायन को पीस कर पेट पर लेप करने से बच्‍चे को गैस की समस्‍या से राहत मिलेगी।

२ * हींग को भूनकर उसे पानी में घिस कर नाभि (टुंडी) के चारों ओर लेप करें।

३ * थोड़ी सी हींग का पाउडर को घी में मिलाकर पिलाने से गैस से राहत मिलेगी।

४ * एक चम्‍मच लहसुन के रस में आधा चम्‍मच घी मिलाकर पिलाएं, गैस में फौरन राहत मिलेगी।


यदि दांत निकल रहे हों तो ...


१ * छोटी पीपर को बारीक पीसकर ऐसा चूर्णं तैयार करें जो कपड़े से छन जाए। फिर इसे चुटकी भर लेकर शहद में मिलाकर दिन में दो – तीन बार बच्‍चों के मसूढ़ों पर मलें।

२ * अनार के रस में तुलसी का रस मिलाकर बच्‍चे को चटाने से दांत आसानी से निकल आते हैं।

३ * शहद में सुहागा पीसकर निकल रहे दांतों पर मलें। इससे दांत आसानी से निकलते हैं।

४ * कच्‍चा आंवला या कच्‍ची हल्‍दी का रस मसूढ़ों पर मलने से दांत आसानी से निकल आते हैं।

५ * सुहागे की खील १२५ मि.ग्राम की मात्रा में मां के दूध में मिलाकर बच्‍चे को दिन में दो तीन बार चटाएं। साथ ही सुहागे की खील को शहद में मिलाकर मसूढ़ों पर भी मलें।

६ * भुना हुआ सुहागा और मुलैठी २ – २ ग्राम बारीक पीसकर कपड़े से छन जाने योग्‍य चूर्णं बनाएं और बच्‍चे के मसूढ़ों पर आठ दस दिन तक मलें। इससे दांत आसानी से निकल आते हैं।


बच्‍चे को दस्‍त आ रहे हों तो ....


१ * आप बच्‍चे को जायफल घिसकर शहद के साथ सुबह और शाम चटाएं। बच्‍चे को आराम मिलेगा।

२ * सोंठ का चूर्णं १२५ मि.ग्राम की मात्रा में गुड़ में‍ मिलाकर देने से बच्‍चे को दस्‍त से राहत मिलती है।

३ * सौंफ और सोंठ का काढ़ा बनाकर बच्‍चे को एक या दो चम्‍मच पिलाएं। आराम मिलेगा।

४ * जौ का पानी और अंडे की सफेदी को घोलकर बार बार थोड़ा थोड़ा पिलाएं, इससे बहुत लाभ होगा।

५ * यदि बच्‍चे को हरे दस्‍त आ रहे हों तो थोड़ा सा अरंडी का तेल यानि कैस्‍टर ऑयल चटाएं।


यदि बच्‍चे को ठंड से बचाना हो ...


१ * बच्‍चे के सोने वाली जगह के आसपास कपड़े की पोटली में प्‍याज को कुचलकर बांध कर रख दें।

२ * जिस कमरे में बच्‍चा सोता हो, वहां की खिड़कियां बंद न रखें। अंगींठी और हीटर का प्रयोग नहीं करें।

३ * कभी कभी कुनकुने पानी में नीम की पत्तियां उबालकर बच्‍चे को पोंछा लगाएं।

४ * नवजात बच्‍चे को शहद चटाएं। इससे उसे ठंड नहीं लगेगी।

५ * नहलाने से पहले शहद में नीबू का रस निचोड़कर बच्‍चे की छाती पर मलें। यह बच्‍चे के लिए सर्दी से सुरक्षा प्रदान करता है।

६ * रात को सोते समय तुलसी का रस उसकी नाक, कान और माथे पर मलें। बच्‍चे को ठंड का असर नहीं होगा।

७ * नवजात बच्‍चे के शरीर पर हल्‍के हल्‍के हाथों से राई के तेल की मालिश करें और कम कपड़े पहनाकर सुबह की गुलाबी धूप में थोड़ी देर टहलाएं या सुलाएं। इससे बच्‍चे को सर्दी नहीं लगेगी।


बच्‍चे को काली खांसी या कुकुर खांसी हो तो ...


१ * एक छोटा चम्‍मच मां का दूध या बकरी का दूध लेकर उसमें आधा चम्‍मच शहद मिलाकर दिन में चार पांच बार चटाएं। यह काली खांसी का अचूक इलाज माना जाता है।

२ * मुलहठी और अनार का छिलके को जला कर कपड़े से छन जाने योग्‍य चूर्णं बना लें। फिर थोड़ा सा चूर्णं एक ग्राम शहद में मिलाकर चटाएं।

३ * तीन – चार ग्राम शुद्ध किया हुआ नारियल का तेल दिन में तीन बार आधा चम्‍मच पिलाने से भी काली खांसी में बहुत जल्‍दी आराम मिलता है।

४ * घोड़ी, गधी या ऊंटनी का दूध पिलाने से भी काली खांसी में आराम मिलता है।

५ * केले के सूखे फूल को जलाकर भस्‍म बनाएं। इस भस्‍म को १२५ मिली.ग्राम की मात्रा में शहद में मिलाकर बच्‍चे को दिन में तीन – चार बार चटाएं। इसका इस्‍तेमाल बड़े भी कर सकते हैं। बड़ों को ५०० मिली. ग्राम मात्रा में दें।

६ * लौंग, छोटी पीपर और जायफल इन तीनों को २० – २० ग्राम तथा काली मिर्च ४० ग्राम और मिश्री १०० ग्राम लेकर कपड़े से छन जाने योग्‍य चूर्णं बनाएं। फिर इसे १ ग्राम की मात्रा में लेकर सुबह शाम पिलाने से काली खांसी दूर हो जाती है।

७ * लौंग को आग में भूनकर और बारीक चूर्णं बनाकर शहद के साथ देने से कुकुर खांसी में बहुत लाभ होता है।

८ * अनार के छिलके, काली मिर्च, सेंधा नमक, बहेड़े का छिलका सभी को समान मात्रा में लेकर बारीक कपड़े से छन जाने योग्‍य चूर्णं बनाएं। फिर १ ग्राम चूर्णं पान के रस के साथ बच्‍चे को दिन में ४ – ५ बार चटाएं। इसे तुलसी के रस के साथ भी दिया जा सकता है।

९ * चने की दाल के बराबर पिसी हुई फिटकरी पानी में मिलाकर दिन में दो बार पिलाने से भी कुकर खांसी में लाभ होता है।

१० * जिस कमरे में बच्‍चा सोता हो वहां अंगारों पर नीम, लहसुन, प्‍याज और अनार के छिलकों को डालकर धुआं करने से बच्‍चे को सांस लेने में दिक्‍कत नहीं होगी और काली खांसी में भी आराम मिलेगा।

११ * २५० मिली. ग्राम भुनी हुई फिटकरी बराबर मात्रा में चीनी के साथ दिन में दो बार देने से लाभ होता है।

१२ * अनार के फूल का छिलका सुखाकर उसे पीस कर कपड़े से छन जाने योग्‍य चूर्णं बनाएं। फिर २ ग्राम चूर्णं को पानी में उबालकर छान लें। ठंडा होने पर १ – २ चम्‍मच की मात्रा में दिन में तीन चार बार पिलाएं।

१३ * तुलसी के पत्‍ते और काली मिर्च समान मात्रा में लेकर पीस लें। फिर मूंग के बराबर गोलियां बनाकर १ – १ गोली चार बार दें। कुछ ही दिन में कुकुर खांसी में आराम मिल जाएगा।


बच्‍चे को खांसी जुकाम हो जाए तो...


१ * बच्‍चे को तुलसी का रस दें। इससे सर्दी का प्रकोप नहीं होगा।

२ * बच्‍चे की छाती में कफ जम जाए तो आप थोड़ा सा गाय का घी छाती पर मलें। इससे कफ पिघल कर बाहर आ जाएगा।

३ * आधा इंच अदरक व एक ग्राम तेजपत्‍ते को एक कप पानी में भिगो कर काढ़ा बनाएं। फिर इसमें एक चम्‍मच मिश्री मिलाकर १ – १ चम्‍मच की मात्रा में दिन में तीन बार पिलाएं। इससे दो दिन में ही खांसी जुकाम ठीक हो जाएगा।

४ * आधा चम्‍मच तुलसी के रस में आधा चम्‍मच शहद मिलाकर दिन में तीन बार बच्‍चे को पिलाएं। सर्दी खांसी में बहुत आराम मिलेगा।

५ * थोड़ा सा सरसों का तेल रोजाना उसकी छाती और गुदा मार्ग पर लगाएं। बहुत जल्‍दी आराम मिलेगा।

६ * खांसी होने पर बच्‍चे को वंशलोचन पीसकर शहद के साथ चटाएं। आराम मिलेगा।

७ * बादाम की ५ गिरी, ५ मुनक्‍के और ५ काली मिर्च इन्‍हें मिश्री के साथ पीसकर गोली बना लें। फिर चार – चार घंटे के अंतराल पर एक गोली चूसने को दें। इससे खांसी दूर हो जाएगी।


८ * बड़ी इलायची का पाउडर २ – २ ग्राम दिन में तीन बार पानी के साथ लेने से सभी प्रकार की खांसी में आराम मिलता है।

(समाप्‍त) 

Friday, April 10, 2015

बच्‍चों के रोग और उनकी परेशानियां


बच्‍चों के रोग और उनकी परेशानियां


प्रत्‍येक माता पिता चाहतें कि उनका बच्‍चा स्‍वस्‍थ और निरोगी रहे। इसलिए वह अपने बच्‍चे की हमेशा उचित देखभाल करते हैं। हम कितनी ही अच्‍छी देखभाल क्‍यों न करें, पर बीमारियां दबे पांव आ ही जाती हैं। बच्‍चों के मामले में दिन और रात का बड़ा ही महत्‍व होता है। दिन में डॉक्‍टर आसानी से मिल जाते हैं, पर रात के समय डॉक्‍टर का मिलना बहुत मुश्किल होता है। ऐसी स्थिति में हम घर में पहले से मौजूद दवा पर भरोसा करते हैं और किसी तरह रात गुजरने का इंतजार करते हैं और रात बीतते ही सुबह बच्‍चे को डॉक्‍टर के पास लेकर भागते हैं। इन्‍हीं कुछ समस्‍याओं को देखते हुए मैं आपको होम रेमेडीज के कुछ नुस्‍खे बता रही हूं, जो बुरे वक्‍त में आपके बहुत काम आ सकते हैं। पर हां आप सावधानी बरतते हुए इन नुस्‍खों के बारे में रजिस्‍टर्ड चिकित्‍सक से जरूर परामर्श कर लें।


बच्‍चों में कब्‍ज की समस्‍या


१ * रात में भिगो कर रखे गए छुहारे का पानी बच्‍चे को जरूरत के हिसाब से तीन – चार बार पिलाएं। ऐसा करने से कब्‍ज दूर जाएगा।

२ * रूई के फाहे को नीम के तेल में डुबो कर गुदामार्ग में लगाने से कब्‍ज की शिकायत दूर हो जाएगी।

३ * बड़ी हरड़ को पानी के साथ घिस कर उसमें मूंग के दाने के बराबर काला नमक मिलाएं। फिर इसे थोड़ा सा गुनगुना करके दिन में जरूरत के हिसाब से दो – तीन बार बच्‍चे को दें।


बच्‍चे को यदि हिचकियां आ रही हों


१ * नारियल का ऊपरी भाग यानि उसकी जटा को जलाकर उसकी थोड़ी सी राख १ – ३ ग्राम पानी में घोलकर और उसे छानकर बच्‍चे को पिलाएं, तो उसकी हिचकी बंद हो जाएगीं।

२ * अदरक के २ – ३ बूंद रस में चुटकी भर पिसी हुई सोंठ, काली मिर्च और २ बूंद नीबू का रस मिलाकर बच्‍चे को चटाएं। बच्‍चे को आराम मिलेगा।


बच्‍चे के पेट में कीड़े होने पर


१ * केले की जड़ को सुखा कर चूर्णं बना लें। फिर २ ग्राम चूर्णं को पानी के साथ बच्‍चे को खिलाएं। ऐसा करने से बच्‍चे के पेट में मौजूद कीड़े बाहर निकल जाएंगें।

२ * बच्‍चे को काले जीरे (स्‍याह जीरा) का पाउडर शहद में मिलाकर चटाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।

३ * सौंफ का पाउडर कपड़े से छानकर एक बटा १/४ टेबलस्‍पून शहद के साथ सुबह शाम चटाएं। बच्‍चे को आराम मिलेगा।

४ * आप बच्‍चे को अजवायन के तीन – चार दाने के साथ बच्‍चे को पान खिलाएं। इससे पेट के कीड़े मरने लगते हैं।


यदि बच्‍चे को मतली आ रही हो तो ...


१ * छोटी इलायची को भूनकर उसका कपड़े से छन जाने योग्‍य चूर्णं बनाएं। फिर चुटकी भर चूर्णं आधा चम्‍मच नींबू के रस में मिलाकर बच्‍चे को खिलाने से मतली में आराम मिलता है।

२ * इलायची के छिलकों को जलाकर उसकी भस्‍म बनाएं, फिर यह भस्‍म बच्‍चे को चटाने से भी आराम मिलता है।

३ * नारियल की जटा को जलाकर भस्‍म बनाएं। फिर २ ग्राम भस्‍म को शहद के साथ चटाने से बच्‍चे को मतली में आराम मिलेगा।


बच्‍चा बिस्‍तर में पेशाब करे तो...


१ * यदि बच्‍चा रोजाना बिस्‍तर पर पेशाब करने लगे तो उसे छुहारा खिलाएं।

२ * छुहारे को बारीक पीसकर चटाने से या खिलाने से भी पेशाब करने की आदत छूट जाती है।

३ * बच्‍चे को पन्‍द्रह – बीस दिनों तक सोते समय एक छोटा चम्‍मच शहद चटाने से भी यह आदत छूट जाती है।

४ * सोने से पहले बच्‍चे के पैरों को गुनगुने पानी से पोंछे। काफी सुधार होगा।

५ – यदि बच्‍चा थोड़ा बड़ा हो गया हो और फिर भी बिस्‍तर में पेशाब कर रहा हो तो, ऐसे बच्‍चे को नियमित रूप से २ अखरोट और १० – १२ किशमिश खिलाने से बच्‍चे की पेशाब करने की आदत छूट जाएगी।


नैपकिन से रैशैज़ होने पर...


१ * हरी दूब को अच्‍छी तरह पीस कर लेप करने से बच्‍चे को नैपकिन रैशैज़ में राहत मिलती है।

२ * लहसुन की ८ – १० कलियों का रस निकालकर चार गुना पानी में मिलाकर रैशैज़ वाले स्‍थान पर लगाएं। बच्‍चे को आराम मिलेगा।

३ * आप मक्‍खन में हल्‍दी मिलाकर बच्‍चे को लेप करें। रैशैज़ में राहत मिलेगी।

४ * तुलसी के पत्‍तों का रस निकालकर अथवा उसके पत्‍तों को पीसकर उसका लेप करने से नैपकिन रैशैज़ में आराम मिलता है।


यदि बच्‍चे को नींद में डर लगता हो तो...


१ * गर्मी के मौसम में छोटी इलायची का एक ग्राम अर्क सौंफ के उबले हुए पानी के साथ पिलाएं। इससे बच्‍चे की नींद में डरने की आदत खत्‍म हो जाएगी।

२ * सर्दी के मौसम में १ – २ ग्राम सौंफ पानी में उबालकर छान लें और इसे रात में सोने से पहले बच्‍चे को पिला दें। बच्‍चे को राहत मिलेगी।


बच्‍चे को खसरा हो जाने पर


१ * ब्राम्‍ही के रस में शहद मिलाकर पिलाने से बच्‍चे को आराम मिलता है।

२ * एक लीटर पानी को उबालें फिर जब ढाई सौ मिली. लीटर पानी शेष रह जाए तो इसे उतार कर ठंडा कर लें। फिर बच्‍चे को थोड़ा थोड़ा पिलाएं। इससे खसरे में बच्‍चे को बार बार लगने वाली प्‍यास से राहत मिलेगी।

३ * खसरे के दानों को नीम और गूलर की छाल का क्‍वाथ बनाकर साफ करें और फिर उन पर नीम का तेल लगाएं। काफी फाएदा होगा।

४ * खसरे के दानों में खुजली होने और जलन होने पर चंदन को पत्‍थर पर घिसकर लेप लगाएं।

५ * खसरा होने की वजह से यदि शरीर में खुजली या जलन हो रही हो तो सूखे आंवले को पानी में उबालकर उसे ठंडा कर लें और फिर उसमें कपड़ा भिगोकर शरीर में फेरें। बच्‍चे को बहुत आराम मिलेगा।

६ * आंवले को पीसकर उसका लेप लगाने से भी बहुत लाभ होता है।

७ * १०० ग्राम नारियल के तेल में २० ग्राम कपूर मिलाकर शरीर पर ३ – ४ बार लगाएं। इससे खसरे में राहत मिलती है।

८ * आप खस, गिलोय, धनिया, आंवला और नागरमोथा सबको मिलाकर पाउडर तैयार करें। एक टेबलस्‍पून पाउडर को दो ग्‍लास पानी में उबालें। फिर जब एक ग्‍लास पानी बचे तो इसे उतार लें और बच्‍चे को आधा आधा चम्‍मच थोड़ी थोड़ी देर में पिलाएं। बच्‍चे को बहुत राहत मिलेगी।


यदि बच्‍चे को बुखार आ रहा हो तो...


१ * बुखार में सिरदर्द हो तो गर्म पानी या दूध में सोंठ का पाउडर मिलाकर सिर पर लेप करें या फिर जायफल पीसकर लगाएं।

२ * काली मिर्च के १२५ मि.ग्रा. पाउडर में तुलसी का रस और शहद मिलाकर बच्‍चे को दिन में तीन बार दें। बच्‍चे को काफी आराम मिलेगा।

३ * बुखार में पसीना अधिक आ रहा हो और हाथ पैरों में ठंड लग रही हो तो सोंठ पाउडर को हल्‍के हाथों से लगाएं। इससे काफी आराम मिलेगा।

४ * बुखार तेज हो तो प्‍याज को बारीक काटकर पेट और सिर पर रखें। बुखार कम होने लगेगा।

(बुखार की दशा में अंग्रेजी इलाज के लिए जल्‍दी से जल्‍दी बाल रोग विशेषज्ञ के पास ले जाएं। अंग्रेजी चिकित्‍सा पद्धिति में बेहतर इलाज मौजूद है)


यदि बच्‍चा तुतलाता हो तो...


१ * बच्‍चा दो – तीन साल का होने पर भी तुतलाए तो आप ब्राम्‍ही के हरे पत्‍ते (यदि बच्‍चा खा सके तो) खिलाएं। इससे क जुबान (जीभ) का मोटापन व कड़ापन दूर होगा और वह साफ बोलने लगेगा।

२ * बड़े बच्‍चों को रोजाना सुबह आंवला चबाने को दें और रात को सोते समय एक टीस्‍पून आंवला पाउडर कुनकुने पानी के साथ दें। तुतलाहट में लाभ होगा।


(समाप्‍त)